आर्यभट्ट और पाई (π)
चतुराधिकं शतमष्टगुणं द्वाषष्टिस्तथा सहस्त्राणाम्।
अयुतद्वयस्य विष्कम्भस्य आसन्नौ वृत्तपरिणाहः॥
-आर्यभट्ट
भावार्थ
100 में चार जोड़ें, आठ से गुणा करें और फिर 62000 जोड़ें। इस नियम से 20000 परिधि (circumference) के एक वृत्त (circle) का व्यास (diameter) जाना जा सकता जा सकता है।( (100+4)*8+62000/20000=3.1416 ) जो दशमलव के पाँच अंकों तक बिलकुल सही है।
ज्यामिती (Geometry) में किसी वृत्त की परिधि की लंबाई और व्यास की लंबाई के अनुपात को पाई कहा जाता है।
दुनिया को शून्य से अवगत कराने वाले महान गणितज्ञ आर्यभट्ट ने ही पाई के सिद्धान्त का प्रतिपादन भी किया था।
1 टिप्पणियाँ
Amazing 🙏
जवाब देंहटाएं